Old Laila Majnu Husn hajir hai song lyrics in hindi
Old movie Laila Majnu का Husn hajir hai song lyrics आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप Koi Patthar se na mare song lyrics खोज रहे हैं तो भी यही सोंग लिरिक्स है। हुस्न हाजिर है गीत का शुरुआती भाग है। देखिए पूरा सोंग लिरिक्स नीचे प्रस्तुत है, हुस्न हाजिर है मोहब्बत की सजा पाने को कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को।
Old song husn hajir hai lyrics in hindi old Laila Majnu movie
Husn hazir hai song lyrics फ़िल्म लैला मजनू जो 1976 में आई थी। इस गीत की अगली पंक्तियों में Koi Patthar se na mare song lyrics में शामिल हैं।
Husn hazir hai lyrics लिखे गए हैं साहिर लुधियानवी द्वारा जिन्होंने आगे लिखा है कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को।
कोई पत्थर से ना मारे या कहे हुस्न हाजिर है song lyrics in hindi को संगीत से सजाया है, मदन मोहन जी ने।
हुस्न हाजिर है मोहब्बत की सजा पाने को कोई पत्थर से ना मारे ओल्ड मूवी Laila Majnu song lyrics को लता मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज़ में गाया है। प्रस्तुत हैं Husn hazir hai Song के लिरिक्स हिंदी में।
- गीत:- हुस्न हाजिर है मोहब्बत की...
- फिल्म:- लैला मजनू (१९७६)
- गायक:- लता मंगेशकर
- गीतकार:- साहिर लुधियानवी
- संगीतकार:- मदन मोहन
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को सोंग लिरिक्स इन हिंदी
हुस्न हाज़िर है....
मुहब्बत की सज़ा पाने को
हुस्न हाज़िर है
मुहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को
मेरे दीवाने को इतना न सताओ लोगों
ये तो वहशी है तुम्हीं होश में आओ लोगों
बहुत रंजूर है ये, ग़मों से चूर है ये
ख़ुदा का ख़ौफ़ उठाओ बहुत मजबूर है ये
क्यों चले आये हो बेबस पे सितम ढाने को
कोई पत्थर से न मारे ...
मेरे जलवों की ख़ता है जो ये दीवाना हुआ
मैं हूँ मुजरिम ये अगर होश से बेगाना हुआ
मुझे सूली चढ़ा दो या शोलों पे जला दो
कोई शिक़वा नहीं है जो जी चाहे सज़ा दो
बख़्श दो इस को मैं तैयार हूँ मिट जाने को
कोई पत्थर से न मारे ...
पत्थरों को भी वफ़ा फूल बना सकती है
ये तमाशा भी सर-ए-आम दिखा सकती है
लो अब पत्थर उठाओ, ज़माने के ख़ुदाओं
मैं तुम को आज़माऊँ, मुझे तुम आज़माओ
अब दुआ अर्श पे जाती है असर लाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को
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