Rahi Manwa dukh ki chinta old song lyrics from Dosti 1964

Rahi Manwa dukh ki chinta old song lyrics from Dosti 1964

  • गीत:- चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे
  • फिल्म:- दोस्ती(१९६४)
  • गायक:- मोहम्मद रफी
  • गीतकार:- मजरूह सुल्तानपुरी
  • संगीतकार:- लक्ष्मीकांत प्यारेलाल

Old classic song lyrics राही मनवा दुख की चिंता क्यों सताती है

दुख हो या सुख 

जब सदा संग रहे न कोई

फिर दुख को अपनाइये

कि जाए तो दुख न होये


राही मनवा दुख की चिंता क्यों सताती है  

दुख तो अपना साथी है(×२)

सुख है एक छाँव ढलती आती है जाती है

दुख तो अपना साथी है

राही मनवा दुख की चिंता क्यों सताती है

दुख तो अपना साथी है


दूर है मंज़िल दूर सही

प्यार हमारा क्या कम है

पग में काँटे लाख सही

पर ये सहारा क्या कम है

हमराह तेरे कोई अपना तो है(×२)

ओ..., सुख है एक छाँव ...


दुख हो कोई तब जब जलते हैं

पथ के दीप निगाहों में

इतनी बड़ी इस दुनिया की

लम्बी अकेली राहों में

हमराह तेरे कोई अपना तो है(×२)

ओ..., सुख है एक छाँव ...

दुख तो अपना साथी है....

दुख तो अपना साथी है.... 

दोस्ती मूवी (1964) चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे सोंग लिरिक्स 

तेरी बिंदिया रे हाय हाय तेरी बिंदिया रे ओल्ड सोंग लिरिक्स।      

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