मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते Lyrics
मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते Lyrics
मैं और मेरी तन्हाई शायरी से शुरु हुआ अमिताभ बच्चन की आवाज में तुम होती तो ऐसा होता। और फिर लता जी का गाया ये कहा आ गए हम यूंही साथ साथ चलते 1981 में प्रदर्शित सिलसिला का Love old song lyrics in Hindi की प्रस्तुति आपके सम्मुख है।
Mai aur meri tanhai shayari ये कहां आ गए हम यूंही साथ साथ चलते 1981 मूवी सिलसिला
- गीत:- मैं और मेरी तन्हाई शायरी..ये कहां आगए हम
- फिल्म:- सिलसिला (१९८१)
- गायक:- लता मंगेशकर, अमिताभ बच्चन
- गीतकार:- जावेद अख्तर
- संगीतकार:- शिव हरी
मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते Lyrics को लिखा है जावेद अख्तर साहब ने
ये कहां आगए हम के संगीतकार हैं शिव हरी
Best of Lata Mangeshkar ke Evergreen old hit list में से ये कहां आ गए हम यूंही साथ साथ चलते के गायन में लता जी का साथ मै और मेरी तन्हाई शायरी गाकर अमिताभ बच्चन ने साथ दिया है और आगे कहा है, मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते Lyrics .
Mai aur meri tanhai shayari with ye kahan aa gaye hum Lata hit song lyrics
मैं और मेरी तनहाई
अक्सर ये बातें करते हैं
तुम होती तो कैसा होता
तुम ये कहती तुम वो कहती
तुम इस बात पे हैरां होती
तुम उस बात पे कितना हँसती
तुम होती तो ऐसा होता
तुम होती तो वैसा होता
मैं और मेरी तनहाई
अक्सर ये बातें करते हैं
लता:-
ये कहाँ.... आ गए हम
यूँ ही साथ साथ चलते
तेरी बाहों में ऐ जानम
मेरे जिस्म-ओ-जां पिघलते
मेरे जिस्म-ओ-जां पिघलते
ये कहाँ.... आ गए हम
ये रात है या तुम्हारी ज़ुल्फें खुली हुई है
है चांदनी या तुम्हारी नज़रों से मेरी रातें धुली हुई है
ये चाँद है या तुम्हारा कंगन
सितारें है या तुम्हारा आँचल
हवा का झौंका है या तुम्हारे बदन की खुशबू
ये पत्तियों की है सरसराहट
के तुमने चुपके से कुछ कहा है
ये सोचता हूँ, मैं कब से गुमसुम
के जब के, मुझको को भी ये खबर है
के तुम नहीं हो कही नहीं हो
मगर ये दिल है के कह रहा है
तुम यहीं हो यहीं कहीं हो
तू बदन है मैं हूँ छाया तू ना हो तो मैं कहाँ हूँ
मुझे प्यार करनेवाले तू जहाँ है मैं वहाँ हूँ
हमें मिलना ही था हमदम किसी राह भी निकलते
मेरी सांस सांस महके कोई भीना भीना चन्दन
तेरा प्यार चांदनी है मेरा दिल है जैसे आँगन
हुई और भी मुलायम मेरी शाम ढलते ढलते
मजबूर ये हालात इधर भी है उधर भी
तनहाई की एक रात इधर भी है उधर भी
कहने को बहुत कुछ है मगर किससे कहें हम
कब तक यूँ ही खामोश रहे हम और सहे हम
दिल कहता है दुनिया की हर इक रस्म उठा दें
दीवार जो हम दोनों में है आज गिरा दें
क्यों दिल में सुलगते रहे लोगों को बता दें
हाँ हमको मोहब्बत है मोहब्बत है मोहब्बत
अब दिल में यही बात इधर भी है उधर भी
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