Old classic song lyrics Mukesh
Old classic song chand ko kya malum chahta hai lyrics गीत 1966 में आई फिल्म लाल बंगला का बहुत ही संवेदनशील गीत है। मुकेश कुमार की मधुर आवाज़ में इस गीत में संगीत है ऊषा खन्ना, गीत चांद को क्या मालूम ओल्ड सोंग के लिरिक्स को लिखा है, इंदीवर ने।
Old classic song chand ko kya malum lyrics in hindi- Mukesh
इस ओल्ड क्लासिक सोंग के लिरिक्स और संगीत की ओर गौर करे तो बहुत मार्मिक गीत प्रतीत होगा। पृथ्वीराज कपूर और श्यामा पर फिल्माया यह गीत क्लासिक गीतों की श्रेणी में है।
इस ओल्ड सोंग के लिरिक्स कितना भाव लिए है, जैसे देखिए चांद को क्या मालूम की उसे कोई चकोर चाहता है। प्रेम में कभी कभी ऐसे प्रेमी अथवा प्रेमिका होते हैं जो चकोर की तरह अपने साथी को प्रेम करते हैं जबकि साथी को गुमान तक नही की कोई उसकी इतनी परवाह करता है। और अधिक जानने के लिए पढ़े इस गीत चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर के classic old song lyrics।
Prithviraj Kapoor chand ko kya malum classic song lyrics sung by Mukesh Kumar
होओ.. ओ चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
होओ.. ओ चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
वो बेचारा दूर से देखे, वो बेचारा दूर से देखे करे ना कोई शोर
होओ..चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
दूर से देखे और ललचाए प्यास नजर की बढ़ती जाए, बढ़ती जाए
दूर से देखे और ललचाए प्यास नजर की बढ़ती जाए
बदली क्या जाने है पागल किसी के मन का मोल
होओ..चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
होओ..चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
वो बेचारा दूर से देखे, वो बेचारा दूर से देखे करे ना कोई शोर
होओ..चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
साथ चले तो साथ निभाना मेरे साथी भूल न जाना, भूल न जाना
साथ चले तो साथ निभाना मेरे साथी भूल न जाना
मैने तुम्हारे हाथ में दे दी अपनी जीवन डोर
होओ..चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
होओ..चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
वो बेचारा दूर से देखे, वो बेचारा दूर से देखे करे ना कोई शोर
होओ..चांद को क्या मालूम चाहता है उसे कोई चकोर
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