Old Song lyrics in hindi sad mere mahboob Qayamat hogi

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mere mahbub kayamat hogi hindi lyrics गीत 1964 में आई "मिस्टर एक्स इन बॉम्बे" का उदासीन गीत है। गीतकार आनंद बक्शी के लिखे Meri nazrein to gila karti hai song lyrics को संगीतबद्ध किया है, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने। साथ आपके प्रश्न- Music director of the song meremehaboob khayaamath का उत्तर भी मिलेगा।

Old Song hindi sad lyrics kishor hit song|Mere mahbub kayamat hogi hindi lyrics 

  • गीत:- मेरे महबूब कयामत होगी
  • फिल्म:- मि. एक्स इन बॉम्बे
  • गायक:- किशोर कुमार
  • गीतकार:- आनंद बक्शी
  • संगीतकार:- लक्ष्मीकांत प्यारेलााल

मेरे महबूब कयामत होगी Lyrics in Hindi गीत किशोर कुमार साहब के हिट गीतों में से है। इस फिल्म "मिस्टर एक्स इन बॉम्बे" में किशोर गायक ही नही अभिनेता भी हैं। Meri nazrein to gila karti hai हिंदी सोंग किशोर दा का गीत आपके समक्ष प्रस्तुत हैं mere mahbub kayamat hogi hindi lyrics.

Music director of the song meremehaboob khayaamath|Mere mahboob qayamat hogi song Music director 

Meri nazrein to gila karti hai lyrics के ये भी शब्द  मेरे महबूब कयामत होगी सोंग लिरिक्स का भाग हैं। इस के संगीत निर्देशक लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल हैं। जिनके संपूर्ण नाम का विवरण कुछ इस तरह है👇 
लक्ष्मीकांत - लक्ष्मीकांत शांताराम पाटिल कुडलकर (Laxmikant ShantaRam Patil Kudalkar) (1937-1998) 
प्यारेलाल - प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा (PyareLal Ramprasad Sharma) (जन्म - 1940)

मेरे महबूब कयामत होगी Lyrics in Hindi|Old hindi songs lyrics

मेरे महबूब कयामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में
मोहब्बत होगी
नाम निकलेगा तेरा ही लब से
जान इस दिल ए नाकाम से
रुखसत होगी
मेरे महबूब...

मेरे सनम के दर से अगर
बाद -ए -सबा हो तेरा गुज़र
कह ना सितमगर कुछ है खबर
तेरा नाम लिया जब तक भी जिया
ऐ शमा  तेरा परवाना
जिससे अब तक तुझे नफरत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में
मोहब्बत होगी
मेरे महबूब कयामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में
मोहब्बत होगी
मेरे महबूब...

मेरे महबूब कयामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में
मोहब्बत होगी
मेरी नज़रे तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम तूझसे 
शिकायत होगी 
मेरे महबूब...

तेरी गली मैं आता सनम 
नगमा वफ़ा का गाता सनम
तूझसे सुना ना जाता सनम
फिर आज इधर आया हूं मगर
ये कहने मै दीवाना
खत्म बस आज ये वहशत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में
मोहब्बत होगी
मेरे महबूब...

मेरी तरह तू आहें भरे
तू भी किसी से प्यार करे
और रहे वो तुझसे परे
तूने ओ सनम ढाए है सितम
तो ये तू भूल न जाना
के ना तुझ पे भी ये 
इनायत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में
मोहब्बत होगी
मेरे महबूब कयामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में
मोहब्बत होगी
मेरी नज़रे तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम तूझसे 
शिकायत होगी 
मेरे महबूब... 

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