Adharam madhuram song lyrics with meaning in Hindi
Adharam madhuram lyrics ka hindi me meaning श्री कृष्ण के रूप का बखान करता है। वैसे तो हमारे धर्म ग्रंथों में मुरली मनोहर श्री कृष्ण की स्तुतियां हैं। मधुराष्टक भी कृष्ण स्तुति ही है जिसकी बात अनुपम है। मधुराष्टक Adharam madhuram एक तरह से जीवो के, मनुष्यों के हृदय के भाव हैं जो श्रीकृष्ण से निश्छल श्रद्धा और प्रेम करते हैं। हिंदी मीनिंग में पढ़िए अधरम मधुरम श्रीकृष्ण मधुराष्टक।
अधरम मधुरम मधुराष्टक श्रीकृष्ण के माधुर्य को कहता है। आप कितना स्नेह करते हैं, पढ़कर आपके हृदय में भी वही अनुभव होगा। साथ ही श्रीकृष्ण के बारे में भी कहता है कि उनकी दृष्टि में भी हर कोई मधुर है। मधुराष्टक अधरम मधुरम को सरलता से समझने हेतु आपके लिए प्रस्तुत है भावार्थ और सरलार्थ सहित अधरम मधुरम श्रीकृष्ण मधुराष्टक।
Shree Krishna Madhurashtak Adharam madhuram lyrics meaning in Hindi with word-meaning
Madhurashtak Adharam madhuram lyrics को हमारे भावो द्वारा समझने अगर परेशानी का सामना कर पड़े तो आपके लिए शब्दों के साथ उनके अर्थ भी दिए हैं।
शब्दों के अर्थ जानना एक अलग बात है और उनके भावो को जानना दूसरी। कौन सा शब्द किस पंक्ति में क्या भाव दर्शाता है, इसमें एकमत होना अनिवार्य नही। इसलिए शब्दों के अर्थ जानिए और अपने अनुसार श्रीकृष्ण के मधुराष्टक के अधरम मधुरम के लिरिक्स को अपनी हृदय की गहराई से अनुभूति प्राप्त करे। जैसा आप महसूस करना चाहे आप कर सकते हैं।
अधरं मधुरं वदनं मधुरं
नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।1।।
वचनं मधुरं चरितं मधुरं
वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।2।।
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुर:
पाणिर्मधुर: पादौ मधुरौ।।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।3।।
गीतं मधुरं पीतं मधुरं,
भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।4।।
करणं मधुरं तरणं मधुरं
हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।5।।
गुंजा मधुरा माला मधुरा
यमुना मधुरा वीची मधुरा।।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।6।।
गोपी मधुरा लीला मधुरा
युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्।।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।7।।
गोपा मधुरा गावो मधुरा
यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।8।।
Adharam madhuram Shree Krishna Ashtak lyrics meaning in hindi शब्दार्थ सहित
अधरम मधुरम श्री कृष्ण मधुराष्टक का हिंदी मीनिंग प्रस्तुत है। परंतु श्रीकृष्ण के मधुराष्टक में भावों को दर्शाने में भूल हो सकती है क्योंकि प्रेम और श्रद्धा में हर किसी के भाव अलग हो सकते हैं। इसलिए कठिन शब्दों के अर्थ दिए गए हैं। उन शब्दो के अर्थ से अपने दिल के भाव निकाले और अनुभव करें, कि श्री कृष्ण का मनोहारी रूप को आप किस नजरिए से देखते हैं। मधुराष्टक अधरम मधुरम लिरिक्स हर प्राणी के लिए है। कि मधुरता के प्रतीक श्री मुरली मनोहर को कौन कितना प्रेम करता है। जिससे जितना अधिक प्रेम होगा उसे वह उतना ही मनभावन लगेगा।
प्रथम:----
अधरं मधुरं वदनं मधुरं
नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।1।।
मीनिंग इन हिंदी:- श्री कृष्ण के रूप की मधुरता में उनके अधर अर्थात होंठ मधुर हैं। चेहरा मधुर है। आंखे मधुर हैं। हंसी मधुर है।
शब्दो के अर्थ:-
अधर-- होंठ
वदन---चेहरा
गमन--- चलना, चाल, गति
मधुराधिपतेरखिलं= मधुर+अधिपति+अर+अखिल अथवा खिल
अधिपति--राजा, स्वामी, पूर्णत अधिकारी
अर -- कोना, कोण
अखिल -- समस्त, संपूर्ण, सारा
खिल ---बाकी बचा, शेषांश।
द्वितीय:-
वचनं मधुरं चरितं मधुरं
वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।2।।
Madhurashtak meaning in hindi
बोल मधुर हैं, जो भी कहते हैं। आपका चरित्र मधुर है। आपके वस्त्र, आपका तिरछा होना, आपका चलना, चलते हुए घूमना, हे मधुरता के स्वामी ऐसा आपका कुछ नही जो मधुर न हो।
वचन= बोल, कथन, वाणी
चरित -- चरित्र
वसन= कपड़ा, वस्त्र
वलित= तीरछा, बल खाया हुआ, मुड़ा हुआ।
चलित= चलना
भ्रमित= भ्रमण= घूमना, चलते चलते घूम जाना।
तृतीय:-
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुर:
पाणिर्मधुर: पादौ मधुरौ।।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।3।।
Adharam madhuram lyrics hindi meaning
हे मधुरता के स्वामी श्रीकृष्ण, बांसुरी, चरण धूल, आपके हाथ, आपके पैर, आपका नृत्य, आपके सखा, मित्र सब मधुर हैं।
वेणु= बांसुरी
रेणु = कण, रज
पाणि= हाथ
पादौ = पैर, कदम
सख्य= सखा, मित्र
चतुर्थ:-
गीतं मधुरं पीतं मधुरं,
भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।4।।
गीत मधुर, पीत मधुर, भोग मधुर, शयन मधुर, आकृति मधुर, तिलक मधुर, हे मधुराधिपति आपका सब कुछ मधुर है।
भुक्तं= खाना
पीतं = पीला रंग, केसर, पुष्पराज, कनेर
सुप्तं = शयन, सोना
पंचम:-
करणं मधुरं तरणं मधुरं
हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।5।।
आपकी क्रियाएं, आपका तरण, हरण, रमण मधुर। उद्धार मधुर, शांति मधुर, मधुराधिपति आपका सब कुछ सुहावना है।
करणं= कार्य करना
तरणं= तैरना
हरणं= हरना, चुरा लेना
रमण= खेलना
वमितं= उद्धार= मुक्ति, छुटकारा, दुर्बल स्थिति से उबरना
शमितं= शांत शांति पूर्ण
षष्ठ:-
गुंजा मधुरा माला मधुरा
यमुना मधुरा वीची मधुरा।।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।6।।
हे श्रीकृष्ण आपका गूंजा, माला मधुर, यमुना और जल वि लहरे मधुर, कमल मधुर सब कुछ मधुर है।
शब्दों के अर्थ
वीची= लहर
सलिलं= जल, पानी
सप्तम:-
गोपी मधुरा लीला मधुरा
युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्।।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।7।।
गोपी मधुर, लीलाएं मधुर,
शब्दों के अर्थ:-
लीला= खेल, क्रीड़ा, विलास, विहार, प्रेम विनोद
युक्तं= संयुक्त, मिश्रित, योग कर परिपूर्ण हुआ व्यक्तित्व
मुक्तं= आजाद (बिंदास पन), खुलकर रहना
दृष्टं= दर्शन, साक्षात्कार
शिष्टं= विनम्र, शालीन, नम्रता
अष्टम:-
गोपा मधुरा गावो मधुरा
यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।8।।
गावो= गाव= गाय, गाये
गोपा= साथ गाय चराने वाले, गोपाल, गायों को पालने वाले।
यष्टि= डंडा या लाठी, गाय चराने जाते समय साथ रखने वाली छड़ी
सृष्टि= रचना, निर्मित, प्रकृति, संसार
दलितं= गरीब
फलितं= फला हुआ, सफल, फला फूला पूरा किया हुआ
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