Old song lyrics Ruk Jana nahi tu kahin haar ke
Ruk Jana nahi tu kahin हार के old song lyrics का संबध हैं वर्ष 1974 में रिलीज हुई हिंदी फिल्म "इम्तिहान" से। इसे अगर motivational song कहें तो गलत न होगा। किशोर कुमार की आवाज में मजरूह सुल्तानपुरी द्वारा लिखे इस old song lyrics Ruk Jana nahi को संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने अपने संगीत का माधुर्य दिया है।
Old song lyrics Ruk Jana nahi motivational song lyrics in hindi
Ruk Jana nahi tu kahin हार के, इस old song ke lyrics को सुनकर और ध्यान देने से ऐसा प्रतीत नही होता है, कि यह गीत हमे एक तरह से प्रेरक ऊर्जा प्रदान करता है। गीत रुक जाना नहीं तू कहीं हार के में किशोर दा ने अपनी आवाज के अंदाज से सुनने वाले को इस ओल्ड सोंग के लिरिक्स हर शब्द पर फोकस नही किया है?
मजरूह सुल्तानपुरी - रुक जाना नहीं तू कहीं हार के, कांटो पे ही मिलेंगे दिन बहार के
मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे जितने भी old song lyrics हैं चाहें वह हो अथवा कोई और हो अर्थपूर्ण और भावपूर्ण ऐसे होते हैं जो जीवन की समीपता लिए होते हैं। यह गीत Ruk Jana nahi tu kahin haar ke भी एक तरह से सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हुए प्रेरणा दे रहा है। चलिए इस old song lyrics को पढ़े और विश्लेषण करे, आत्मविश्लेषण करे कि यह ओल्ड गीत क्या कहना चाहता है, एक आम जीवन में एक आम व्यक्तित्व के लिए।
Old song lyrics in hindi Ruk Jana nahi tu kahi haar ke..
गीत:- रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
फिल्म:- इम्तिहान
गायक:- किशोर कुमार
गीतकार:- मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार:- लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
रुक जाना नहीं..
तू कहीं हार के..
कांटों पे चलके
मिलेंगे साए बहार के
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
कांटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
सूरज देख रूक गया है
तेरे आगे झुक गया है
जब कभी.. कोई...
ऐए...से मस्ताना...
निकले है अ..पनी ही..
धुन में दीवाना...
शाम सुहानी बन जाते हैं
दिन इंतजार के...
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
कांटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
साथी ना कारवां है
ये तेरा इम्तिहाॅं है
साथी ना कारवां है
ये तेरा इम्तहा है
यूंही चला चल..
दिल के सहारे
करती है मंजि..ल
तुझको इशारे
देख कहीं कोई रोक न ले
तुझको पुकार के...
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
कांटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
नैन आंसू जो लिए हैं
ये राहों के दिए हैं
लोगो को.. उन...का
सब कुछ दे के
तू तो चला था....
सपने ही लेके..
कोई नही तो तेरे अपने हैं
सपने ये प्यार के..
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
कांटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
ओ राही, ओ राही
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