Old song Hum tum ek kamre me bandh ho lyrics
Hum Tum Bobby song Lyrics की शुरुआत होती है बाहर से कोई अंदर ना आ सके, अंदर से कोई बाहर ना जा सके, इसके बाद 1973 की प्रदर्शित फिल्म बॉबी का लोकप्रिय हुआ यह romantic love song lyrics हम तुम एक कमरे में बंद हों।
फिल्म बॉबी के गीत हम तुम एक कमरे में बंद हों के song lyrics लिखे हैं गीतकार आनंद बख्शी साहब ने।
Hum Tum Bobby song Lyrics in hindi- अंदर से कोई बाहर न जा सके |
Hum tum ek kamre me bandh ho lyrics वाली राज कपूर द्वारा बनाई फिल्म बॉबी तत्कालीन ब्लॉकबस्टर ही नही सुपर डुपर हिट साबित हुई। फिल्म की कहानी, किरदार ही नही गीत संगीत भी काफी लोकप्रिय हुआ।
मैं शायर तो नहीं रोमांटिक गीत जो प्यार के बारे में ही है, काफी लोकप्रिय हुआ। हम तुम एक कमरे में बंद हों|Bobby songs Lyrics in English में भी प्रस्तुत है। Romantic love song लिरिक्स के साथ साथ एक यह गीत मैं मैके चली जाऊंगी तुम देखते रहियो भी काफी प्रचलित हुआ।
हम तुम एक कमरे में बंद हों को संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत निर्देशन में इस सॉन्ग लिरिक्स अंदर से कोई बाहर ना आ सके को गाया है लता मंगेशकर और शैलेंद्र सिंह ने।
Hum tum ek kamre me bandh ho lyrics in hindi
- गीत:- अंदर से कोई बाहर न जा सके
- फिल्म:- बॉबी (१९७३)
- गायक:- लता मंगेशकर, शैलेंद्र सिंह
- गीतकार:- आनंद बख्शी
- संगीतकार:- लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
अन्दर से कोई बाहर न जा सके
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम, एक कमरे में बन्द हों
और चाबी खो जाये
हम तुम, एक कमरे में बन्द हों
और चाभी खो जाये
तेरे नैनों के भूल भुलैय्या में बॉबी खो जाये
हम तुम, एक कमरे में बन्द हों
और चाभी खो जाये
आगे हो घनघोर अन्धेरा
बाबा मुझे डर लगता है
पीछे कोई डाकू लुटेरा हूँ..
क्यों डरा रहे हो
आगे हो घनघोर अन्धेरा
पीछे कोई डाकू लुटेरा
उपर भी जाना हो मुशकिल
नीचे भी आना हो मुशकिल
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम, कहीं को जा रहे हों
और रस्ता भूल जाये ओ..
हो.. हम तुम, कहीं को जा रहे हों
और रस्ता भूल जाये
तेरी बईया के झूले में सइयां
बॉबी झूल जाये
हम तुम, एक कमरे में बन्द हों
और चाबी खो जाये
आ हा.. आ हा.. आ.. आ..
बस्ती से दूर, पर्वत के पीछे मस्ती में चूर
घने पेड़ों के नीचे
अनदेखी अनजानी सी जगह हो
बस एक हम हो दूजी हवा हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम, एक जंगल से गुज़रे
और शेर आ जाये
हम तुम, एक जंगल से गुज़रे
और शेर आ जाये
शेर से मैं कहूँ तुमको छोड़ दे
मुझे खा जाये
हम तुम, एक कमरे में बन्द हों
और चाबी खो जाये
ऐसे क्यों खोये खोये हो
जागे हो कि सोये हुए हो
क्या होगा कल किसको खबर है
थोड़ा सा मेरे दिल में ये डर है
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
सोचो कभी ऐसा हो तो क्या हो
हम तुम यूँ ही हँस खेल रहे हों
और आँख भर आये
हम तुम यूँ ही हँस खेल रहे हों
और आँख भर आये
तेरे सर की क़सम तेरे ग़म से
बॉबी मर जाये
हम तुम, एक कमरे में बन्द हों
और चाबी खो जाये
तेरे नैनों के भूल भुलैय्या में बॉबी खो जाये
हम तुम, हम तुम एक कमरे में बन्द हों
एक कमरे में बन्द हों और चाबी खो जाये
और चाभी खो जाये
और चाभी खो जाये और चाभी खो जाये खो जाये....
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