Sham dhale khidki tale siti bajana chhod do song lyrics in hindi

Sham dhale khidki tale siti bajana chhod do song lyrics in hindi | शाम ढ़ले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो लिरिक्स 

शाम ढ़ले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो 1951 की मूवी "अलबेला" का old classic song lyrics in hindi. भगवान दादा अभिनीत और निर्देशित अलबेला में बतौर अभिनेत्री गीता बाली हैं। खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो लिरिक्स प्रस्तुत हैं। 

शाम ढ़ले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो लिरिक्स ही नही फिल्म अलबेला के सभी सोंग लिरिक्स लोकप्रिय हुए और आज भी उतने ही पसंद किए जाते हैं। मसलन भोली सूरत दिल के खोटे

Sham dhale khidki tale tum siti bajana chhod do lyrics in hindi From 1951 Albela movie

शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो ओल्ड सोंग लिरिक्स वाली फिल्म निर्देशित करने वाले भगवान दादा के बारे में बहुत सालों पहले बिग बी के बारे में पढ़ा था कि वे कहते हैं, कि उनने भगवान दादा से एक्टिंग सीखी है और मैं उनकी एक्टिंग करता हूं। साथ ही उन्होंने महमूद साहब का भी नाम लिया था। थोड़ी झलक उनमें मिलती भी है।

  • गीत:- शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो
  • फिल्म:- अलबेला (१९५१)
  • गायक:- सी. रामाचंद्रन, लता मंगेशकर
  • गीतकार:- राजेंद्र कृष्णा
  • संगीतकार:- सी. रामाचंद्रन 

शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो old romantic song lyrics के रचियता यानी Lyricist हैं राजेंद्र कृष्णा। संगीतकार हैं सी. रामाचंद्रन। गायक हैं लता मंगेशकर और सी. रामाचंद्रन ने भी संगीत निर्देशन के साथ साथ आवाज भी दी है इस old classic romantic song lyrics "शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो" को।

शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो गीत लिखा हुआ

लता:-

शाम ढले खिड़की तले

तुम सीटी बजाना छोड़ दो

तुम सीटी बजाना छोड़ दो

रामाचंद्रन:-

घड़ी-घड़ी खिड़की में खड़ी

तुम तीर चलाना छोड़ दो

तुम तीर चलाना छोड़ दो 

लता:-

शाम ढले खिड़की तले

तुम सीटी बजाना छोड़ दो

रामाचंद्रन:-

तुम तीर चलाना छोड़ दो 


लता:-

रोज़-रोज़ तुम मेरी गली में

चक्कर क्यों हो काटते

अजी चक्कर क्यों हो काटते

रामाचंद्रन:-

सच्ची-सच्ची बात कहूँ मैं 

सच्ची-सच्ची बात कहूँ मैं अजी तुम्हारे वास्ते

तुम्हारे वास्ते

लता:-

जाओ, जाओ, होश में आओ

यूँ आना-जाना छोड़ दो

यूँ आना-जाना छोड़ दो

लता:-

शाम ढले खिड़की तले

तुम सीटी बजाना छोड़ दो


लता:-

मुझसे तुम्हें क्या मतलब है

ये बात ज़रा बतलाओ

मुझसे तुम्हें क्या मतलब है

ये बात ज़रा बतलाओ

रामाचंद्रन:-

बात फ़कत इतनी सी है

कि तुम मेरी हो जाओ

आओ आओ तुम मेरी हो जाओ

लता:-

ऐसी बातें अपने दिल में

ऐ साहेब तुम लाना छोड़ दो 

साहेब तुम लाना छोड़ दो 

शाम ढले खिड़की तले

तुम सीटी बजाना छोड़ दो

रामाचंद्रन:-

तुम तीर चलाना छोड़ दो 


रामाचंद्रन:-

चार महीने मेहनत की है

अजी रँग कभी तो लाएगी

लता:-

जाओ-जाओ जी यहाँ तुम्हारी

दाल कभी गलने न पाएगी

अजी दाल कभी गलने न पाएगी

रामाचंद्रन:-

दिलवालों, मतवालों पर तुम

रौब जमाना छोड़ दो

अजी रौब जमाना छोड़ दो

लता:-

शाम ढले खिड़की तले

तुम सीटी बजाना छोड़ दो

रामाचंद्रन:-

तुम तीर चलाना छोड़ दो   

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