Kyun aage pichhe dolte ho bhanwro ki tarah lyrics in hindi

Kyun aage pichhe dolte ho bhanwro ki tarah lyrics in hindi

क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरों की Lyrics है फिल्म गोलमाल फन अनलिमिटेड। रोहित शेट्टी की फिल्म   गोलमाल 2006 में प्रदर्शित हुई। रोहित शेट्टी जो अपनी फिल्मों में गाड़ियों की तोड़फोड़ के लिए जाने जाते हैं। परंतु रोहित कि एक खास बात भी हैै, क्या आप जानते हैं? नहीं! अरे भाई वो ये कि वे गंभीर बात को मजाकिया अंदाज में और मजाक को गंभीरता से प्रदर्शित करने में माहिर हैं। क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरो की तरह Lyrics भी इसी का नमूना है।

Lyrics kyun aage pichhe dolte ho bhanwro ki tarah सुनने में ओल्ड सोंग लिरिक्स लगता है। आधुनिक  गोलमाल सीरीज रचने वाले रोहित शेट्टी जिन्होंने क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरे की तरह Lyrics प्रौढ़ावस्था या बुजुर्गीयत में अपनी जवानी की अठखेलियां याद करने वाले बुजुर्ग जिसकी भूमिका में परेश रावल जी हैं दिखाया है। क्यूं आगे पीछे डोलते हो भंवरो की तरह लिरिक्स यही तो बताता है कि सच तो है उम्र ढलने पर युवावस्था में की गई अठखेलियों को याद कर हर कोई रोमांचित होता ही है। 

Kyon aage pichhe dolte ho bhanwre ki tarah song lyrics in hindi Golmaal 2006

  • गीत:- क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरो की तरह
  • फिल्म:- गोलमाल (२००६)
  • गायक:- शेखर राजवियानी, स्नेहा पंत
  • गीतकार:- विशाल डडलानी, कुमार
  • संगीतकार:- विशाल डडलानी, शेखर राजवियानी 

Lyrics क्यूं आगे पीछे डोलते हो भंवरो की तरह लिखा है विशाल डडलानी और कुमार ने।

विशाल डडलानी और शेखर राजवियानी ने संगीत निर्देशन किया है क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह song lyrics का।

Hindi song क्यों आगे पीछे डोलते हो भंवरो की तरह लिरिक्स को गाया है स्नेहा पंत, शेखर राजवियानी और साथी कलाकारों (सहगान) ने। 

गाना क्यूं आगे पीछे डोलते हो भंवरो की Lyrics लिखा हुआ

स्नेहा पंत:-

क्यूं आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह

क्यूं देखते हो मुझको यूं बेसब्रों की तरह

क्यूं आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह

क्यूं देखते हो मुझको यूं बेसब्रों की तरह


क्या मेरे दीवाने हो 

शेखर:-

नहीं नहीं

क्या कोई परवाने हो 

शेखर:-

नहीं नहीं

क्या मेरे दीवाने हो

क्या कोई परवाने हो

काम क्या है मुझसे इतना कह दो जी ज़रा


सहगान:- 

बोल दे प्यार है खामोश क्यों है खड़ा

हम अगर होते तो बोल दिया होता

स्नेहा:-

क्यूं आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह

क्यूं देखते हो मुझको यूं बेसब्रों की तरह


खिड़की पे मेरी क्यूं रखते हो अंखियां

करते हो क्यों तुम मेरी ही बतियां

खिड़की पे मेरी क्यूं रखते हो अंखियां

करते हो क्यों तुम मेरी ही बतियां

मेरे लिए आते हो

शेखर:-

नहीं तो

स्नेहा:-

गीत गुनगुनाते हो

शेखर:-

ना ना

स्नेहा:-

मेरे लिए आते हो

गीत गुनगुनाते हो

बात क्या है दिल में तुम्हारे तुमको ही पता

सहगान:-

छोड़ दे यह शर्म तू पास उसको बुला

हम अगर होते तो बुला लिया होता

स्नेहा:-

क्यूं आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह

क्यूं देखते हो मुझको यूं बेसब्रों की तरह


हाथों में क्यों है यह सोने का कंगना

शेखर:-

तुमको पहना के ले जाऊंगा अंगना

स्नेहा:-

सजनी बनाओगे

शेखर:-

हां जी हां जी हां

स्नेहा:-

जान भी लुटाओगे

शेखर:-

अरे हां जी हां जी हां

सजनी बनाओगे जान भी लुटाओगे

आज हम कहते हैं तुमसे प्यार हो गया

सहगान:-

हाथ यह थाम कर कहाँ पे तू है चला

अपना भी शुक्रिया कर दिया होता

शेखर:-

हम आगे पीछे डोलते है भंवरों की तरह

हम देखते है तुमको यूं बेसब्रों की तरह

स्नेहा:-

क्या मेरे दीवाने

शेखर:-

हां जी हां जी हां

स्नेहा:-

क्या कोई परवाने

शेखर:-

अरे हां जी हां जी हां

स्नेहा:-

क्या मेरे दीवाने हो क्या कोई परवाने हो

आज हम कहते है तुमसे प्यार हो गया

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