Old song lyrics khilte hain gul yahan in hindi
Khilte Hain Gul Yahan Lyrics Hindi फ़िल्म शर्मीली का सदाबहार गीत है। 1971 में प्रदर्शित फिल्म शर्मीली के इस सोंग खिलते हैं गुल यहां के song lyrics को नीरज श्रीधर ने कलमबद्ध किया है। एस डी बर्मन के संगीत ने सजाया है, खिलते हैं गुल यहां खिल के बिखरने को old hindi songs lyrics अपने सुरो से।
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Old song lyrics in hindi khilte hain gul yahan sung by kishor kaumar
आपके लिए प्रस्तुत हैं, khilte hain gul yahan old song lyrics in hindi, जिसे सदाबहार किशोर कुमार ने अपनी मधुर आवाज़ में गाया है। 1971 की फिल्म शर्मीली में मुख्य भूमिका शशि कपूर और राखी। किशोर दा ने यह ओल्ड सोंग खिलते हैं गुल यहां खिलके बिखरने को मिलते हैं दिल यहां मिल के बिछड़ने को, शशि कपूर के लिए गया है।
Old hindi songs lyrics हिंदी फिल्मों के जो Always hit और Evergreen hit साबित होते हैं। उन्हीं सदाबहार गीतों में से है यह old song lyrics खिलते हैं गुल यहां खिल के बिखरने को,अब इस old song lyrics को आप क्या कहेंगे, क्या यह Romantic old song lyrics है अथवा old song lyrics sad है? जिसके सोंग लिरिक्स आपके प्रस्तुत किए जा रहे हैं...! अंदाजा लगाइए और कमेंट करे।
- गीत:- खिलते हैं गुल यहां
- फिल्म:- शर्मीली (१९७१)
- गायक:- किशोर कुमार
- गीतकार:- नीरज श्रीधर
- संगीतकार:- एस. डी. बर्मन
Which album is the song Khilte Hain Gul Yahan from?
Which album is the song Khilte Hain Gul Yahan from? प्रश्न के उत्तर स्वरूप बताना चाहेंगे कि यह फिल्म का song है ना कि किसी म्यूजिकल एल्बम का। और फिल्म का नाम शर्मीली जिसमे मुख्य भूमिका शशि कपूर और राखी गुलज़ार हैं।
When was Khilte Hain Gul Yahan released?
Khilte Hain Gul Yahan Lyrics Hindi|Old hindi songs lyrics
हूं.. हुं हुं हुं.. हूं..हुन्हू हुं...
खिल..ते हैं गुल यहां
खिल के बिखरने को
खिल..ते हैं गुल यहां
खिल के बिखरने को
मिल..ते हैं दिल यहां
मिल के बिछड़ने को
खिल..ते हैं गुल यहां
खिल के बिखरने को
क..ल रहे ना रहे
मौ..सम ये प्यार का
क...ल रुके ना रुके
डोला बाहर का
क...ल रहे ना रहे
मौ..सम ये प्यार का
कल रुके ना रुके
डोला बाहर का
चार पल मिले तो आज
...प्यार में गुजार दे...
खिलते हैं गुल यहां
खिल के बिखरने को
हो...ओ..हो..ओ.. होओ होओ.. हा..
झी..लों के होंठो पर
मे...घों का राज है
फू..लों के सीने में
ठंडी ठंडी आग है
झी..लों के होंठो पर
मे...घों का राज है
फू...लों के सीने में
ठंडी ठंडी आग है
दिल के आईने में तू..
..ये शमा उतार ले
खिलते हैं गुल यहां
खिल के बिखरने को
प्या...सा है दिल सनम
प्या...सी ये रात है
हों..ठो में दबी दबी..
कोई मीठी बात है
प्या...सा है दिल सनम
प्या...सी ये रात है
हों..ठो में दबी दबी..
कोई मीठी बात है
जिन लम्हों पे आज तू
हर खुशी निसार दे
खिलते हैं गुल यहां
खिल के बिखरने को
मिलते हैं दिल यहां
मिल के बिछड़ने को
खिलते हैं गुल यहां
खिल के बिखरने को
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