Mansoon song lyrics in hindi Badal yun garajta hai Betaab

Mansoon song lyrics in hindi Badal yun garajta hai Betaab 

Badal yun garajta hai फिल्म बेताब का song lyrics in hindi जिसका प्रदर्शन 1983 में हुआ। बारिश की गरिमा और आनंद को दर्शाता यह Mansoon song lyrics hindi कहें तो बेहतर है। 

बरसात का मौसम ही निराला है उसी के बखान का बेताब मूवी में बादल क्यूं गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है song lyrics hindi को सनी देओल और अमृता सिंह पर फिल्माया गया है। 

Badal yun garajta hai hindi song lyrics Betab movie 1983

  • गीत:- बादल यूं गरजता है डर कुछ ऐसा
  • फिल्म:- बेताब (१९८३)
  • गायक:- लता मंगेशकर, शब्बीर कुमार
  • गीतकार:- आनंद बख्शी
  • संगीतकार:- आर. डी. बर्मन 

आनंद बख्शी द्वारा रचित song lyrics Badal yun garajta hai. को राहुल देव बर्मन ने अपने संगीत निर्देशन में संगीत से सजाया है। 

लता मंगेशकर और शब्बीर कुमार का गाया हुआ बादल यूं गरजता डर कुछ ऐसा लगता है song lyrics hindi  me. 

एक प्रेमी जोड़े की भावनाओ को प्रदर्शित करता हिंदी सोंग लिरिक्स बादल यूं गरजता है। जिसमे उन्हे डर भी लग रहा है और आनंद का अनुभव भी हो रहा है। और वो गाते हैं Badal yun garajta hai डर कुछ ऐसा लगता है चमक चमक के ये बिजली हम पर गिर जायेगी सोंग लिरिक्स हिंदी। 

Betab film ka song lyrics Badal yun garajta hai hindi me likha huaa

लता:-

बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है

चमक-चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

शब्बीर:-

बादल यूँ गरजता है डर कुछ ऐसा लगता है

चमक-चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी


लता:-

बाहर भी तूफ़ान अन्दर भी तूफ़ान

शब्बीर:-

बीच में दो तूफ़ानों के ये शीशे का मकान

बाहर भी तूफ़ान अन्दर भी तूफ़ान

लता:-

बाहर भी तूफ़ान अन्दर भी तूफ़ान

बीच में दो तूफ़ानों के ये शीशे का मकान

ऐसे दिल धड़कता है

अरे ऐसे दिल धड़कता है

डर कुछ ऐसा लगता है 

चमक-चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी


शब्बीर:-

ये दीवानी शाम ये तूफ़ानी शाम

लता:-

आग बरसती है सावन में पानी का है नाम

ये दीवानी शाम ये तूफ़ानी शाम

शब्बीर:-

आग बरसती है सावन में पानी का है नाम

बस कुछ भी हो सकता है

अरे बस कुछ भी हो सकता है

डर कुछ ऐसा लगता है 

चमक-चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी


शब्बीर:-

तौबा हुस्न-ए-यार बदले रंग हज़ार

लता:-

शर्म कभी आती है और कभी आता है प्यार

शब्बीर:-

तौबा हुस्न-ए-यार बदले रंग हज़ार

लता:-

शर्म कभी आती है और कभी आता है प्यार

शब्बीर:-

देखें कौन ठहरता है

अरे देखें कौन ठहरता है

डर कुछ ऐसा लगता है 

चमक-चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी


लता:-

तुम बैठो उस पार हम बैठें इस पार

आओ अपने बीच बना लें हम कोई दीवार

शब्बीर:-

दिल फिर भी मिल सकता है

होओ दिल फिर भी मिल सकता है

लता:-

डर कुछ ऐसा लगता है 

चमक-चमक के लपक के ये बिजली हम पे गिर जायेगी

शब्बीर:- बादल यूं....

लता:- डर कुछ ऐसा....

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