Tumse o haseena lyrics Farz movie songs lyrics old

Tumse o haseena lyrics from Farz Old movie songs lyrics hindi 

Tumse o haseena lyrics-तुमसे ओ हसीना कभी मोहब्बत ना मैंने करनी थी Jitendra ki purani film ke gane मे प्रस्तुत है Farz Old movie songs के बेहतरीन सभी old hindi songs lyrics

Tumse O hasina kabhi mohabbat lyrics परदे पर गाते हुए नजर आ रहे हैं जितेंद्र और बबीता। Farz movie songs lyrics old का यह Duet Romantics song lyrics जिसके लिरिक्स लिखे हैं आनंद बख्शी ने और सुरों ढाला है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी ने।

Tumse O hasina kabhi mohabbat lyrics Farz Old movie songs lyrics hindi 

  • गीत:- तुमसे ओ हसीना मोहब्बत लिरिक्स 
  • फिल्म:- फर्ज (१९६७) 
  • गायक:- मोहम्मद रफी, सुमन कल्याणपुर 
  • गीतकार:- आनंद बख्शी 
  • संगीतकार:- लक्ष्मीकांत प्यारेलाल

When was Tumse O Haseena released? 

Tumse O Haseena एक हिंदी फिल्म का गीत है।  इसका प्रदर्शन 1967 में फिल्म के साथ ही हुआ। मोहम्मद रफी और सुमन कल्याणपुर द्वारा गाया तुमसे ओ हसीना लिरिक्स आज भी उतना ही लोकप्रिय है। 

Which album is the song Tumse O Haseena from? 

Tumse O Haseena song किसी संगीत एल्बम का भाग न होकर हिंदी फीचर फिल्म हिस्सा है, और वह फिल्म है 1967 में प्रदर्शित फर्ज जो एक जासूसी फिल्म (Spy Film) है। Farz movie cast old और 2001's Farz के कलाकारों के नाम के लिए यहां क्लिक किया जा सकता है।

Tumse O hasina kabhi mohabbat lyrics|तुमसे ओ हसीना लिरिक्स

रफी:-
तुमसे ओ हसीना कभी मोहब्बत ना मैंने करनी थी
तुमसे ओ हसीना कभी मोहब्बत ना मैंने करनी थी
मगर मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दिया
मगर मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दिया
सुमन:- 
तुमसे ओ दीवाने कभी मोहब्बत ना मैंने करनी थी
तुमसे ओ दीवाने कभी मोहब्बत ना मैंने करनी थी
मगर मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दिया
मगर मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दिया

सुमन:-
आग सुलग गयी नस नस में
नींद रही न रहा चैन वश में
तोड़ी जाए ना अब मुझसे
प्यार की ये रस्में कसमें
आ गयी बुलबुल कफ़स* में
तौबा मेरी तौबा ये अपनी हालत ना मैंने करनी थी (×२)
मगर मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दिया (×२)

रफी:- 
लोग ये मुझको हैं समझाते
बीत रही थी हँसते गाते
मैंने तुम्हें किसलिए छेड़ा
राहों में आते जाते
मुझे सब हैं सताते
तौबा मेरी तौबा ये शरारत न मैंने करनी थी (×२)
मगर मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दिया (×२)

सुमन:-
शाम सवेरे दिल घबराये
रफी:-
राज़-ए-दिल न खुल जाए
सुमन:-
रात हमारे सपनों में छुप के 
रफी:-
रोज़ कोई आये जाए 
सुमन:-
काहे नेहा* लगाए
रफी:-
तौबा मेरी तौबा ये क़यामत न मैंने करनी थी (×२)
मगर मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दिया (×२) 

🤔कफ़स👉 पिंजरा/कैद/कारागार

🤔नेहा 👉 स्नेह, प्यार/आराध्य/प्यार करने वाली।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ