Mere Samne Wali Khidki Mein Lyrics Hindi English
Mere samne wali khidki mein lyrics 1968 में प्रदर्शित Hindi movie पड़ोसन से संबंधित है। युवाओं की मंशा एवं लोभिता को दर्शाता मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद का टुकड़ा लिरिक्स युवा मन को आकर्षित करने का जरिया सा लगता है।
Mere Samne Wali Khidki Mein lyrics hindi वाली पड़ोसन मूवी तत्कालीन ही नही आज भी उतनी ही सरस लगती है। गीत संगीत ने तब भी अच्छी खासी धूम मचाई और वैसे भी old song lyrics सदैव ही धूम मचाने को तैयार रहते हैं। ये कहने को old हैं वरना ये पुराने होते नही हैं।
Mere Samne Wali Khidki Mein Lyrics|Movie name
- गीत:- मेरे सामने वाली खिड़की में लिरिक्स
- फिल्म:- पड़ोसन (१९६८)
- गायक:- किशोर कुमार
- गीतकार:- राजेंद्र कृष्णा
- संगीतकार:- आर डी बर्मन
मेरे सामने वाली खिड़की में लिरिक्स की लोकप्रियता का आलम यह है कि तत्कालीन ही नही आज भी अपने lyrics सहित संगीत एवं अभिनय क्षमता, किशोर दा की गायकी का अंदाज आदि की लोकप्रियता को बरकरार रखे है। साथ ही एक चतुर नार बड़ी होशियार लिरिक्स को भूल गए आप जिसमे मन्ना डे (महमूद) और किशोर दा (सुनील दत्त) की संगीत प्रतियोगिता होती है। लिरिक्स एवं और बहुत कुछ जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
Mere Samne Wali Khidki Mein Lyrics in Hindi|Old famous song lyrics bollywood
अरे हे... हे हे...
हूं... ऊं ऊं...आ..आहा
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रहता है
अफ़सोस ये है के वो हमसे
कुछ उखड़ा-उखड़ा रहता है
जिस रोज़ से देखा है उसको
हम शमां जलाना भूल गए
दिल थाम के ऐसे बैठे हैं
कहीं आना-जाना भूल गए
अब आठ पहर इन आँखों में
वो चंचल मुखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की
बरसात भी आकर चली गई
बादल भी गरज कर बरस गए
पर उसकी एक झलक को हम
ऐ हुस्न के मालिक तरस गए
कब प्यास बुझेगी आँखों की
दिन रात ये दुखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रहता है
अफ़सोस ये है के वो हमसे
कुछ उखड़ा-उखड़ा रहता है
Mere Samne Wali Khidki Mein movie name
Mere samne wali khidki me song lyrics movie name यानी फिल्म का नाम है पड़ोसन (Padosan)। सुनील दत्त, किशोर कुमार, महमूद, सायरा बानो, ओमप्रकाश, केष्टो, मुखरी आदि कलाकारों से सजी फिल्म पड़ोसन पारिवारिक नाटकीय हिंदी फिल्म है।
बात old song lyrics मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद का टुकड़ा रहता है song lyrics की करें तो फिल्म में किशोर दा अपने दोस्त सुनील दत्त के लिए यह गीत गाते हैं सायरा बानो को लुभाने के लिए। गीत में नाटकीयता यह है कि किशोर दा गाते हैं और अपने प्रेम आकर्षण सायरा बानो के सामने सुनील दत्त मुंह चलाते हैं ताकि सायरा जी को लगे की यही गा रहे हैं। जैसे फिल्मों में होता है।
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